
Birth Certificate Rules: जन्म प्रमाण पत्र एक आवश्यक दस्तावेज है जो बच्चे के जन्म के कुछ दिन बाद बनाया जाता है। आजकल कई सरकारी और गैर सरकारी काम में इसका इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में सरकार ने इसे बनाने की प्रक्रिया में कुछ आवश्यक बदलाव किए हैं। अब अगर आप एक साल बाद अपने बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन करेंगे तो आपको SDM की परमिशन लेकिन होगी। पहले बीडीओ के आदेश मिलता था लेकिन अब बदलाव किया गया है।
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नए नियम क्या हैं?
सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए इसके नियमों में बदलाव करके नए नियम लागू किए हैं। अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम अलग अलग अधिकारियों को सौंपा गया है।
शहरी क्षेत्रों में सहायक अथवा प्रखंड प्रदाधिकारी अब रजिस्ट्रार के रूप में काम करेंगे। वही ग्रामीण क्षेत्रों में यह दस्तावेज पंचायत सचिव द्वारा जारी किया जाएगा।
पटना के डीएम डॉ, त्यागराजन एसएम का कहना है कि यदि 21 दिनों के भीतर किसी का जन्म और मृत्यु होती है तो आवेदन इन अधिकारियों को देना जरुरी होगा। इसके लिए सभी अधिकारियों को सूचना भेजी गई है।
एक साल बाद SDM से लेना होगी अनुमति
नए नियमों के जारी होने के बाद अब अगर आप बच्चे के जन्म के एक माँ बाद प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं तो इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। अगर शहरों में आप एक साल के बाद प्रमाण पत्र बना रहे हैं तो आपको एसडीएम से अनुमति लेनी है, एसडीएम के आदेश के बाद ही जन्म प्रमाण पत्र बनेगा।
ज़रूरी दस्तावेज़
बर्थ सर्टिफिकेट बनाने के लिए आपको नीचे दिए दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ने वाली है।
- हॉस्पिटल या डॉकटर की रिपोर्ट
- सेविका की पंजी
- स्कूल प्रमाणपत्र
- पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट अथवा सर्विस बुक