
भारत सरकार द्वारा हाल ही में नई जीएसटी दरें लागू करने के बाद से बिजली क्षेत्र में बदलाव आने की उम्मीद लगाई जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं को बिजली बिल में छूट का लाभ मिलेगा। विशेषज्ञों की माने तो रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों एवं कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर जीएसटी दरों में संसोधन से बिजली की दरों में कमी आने वाली है। इस बदलाव से विद्युत उत्पादन कंपनी डिस्कॉम को राहत मिलेगी बल्कि उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली उपलब्ध हो सकेगी।
इतनी सस्ती होगी बिजली
जीएसटी दरों में कटौती के बाद अब विशेषज्ञों की माने तो रिन्यूएबल एनर्जी उपकरणों पर जीएसटी दर को 12 से घटाकर 5 फीसदी करने से ईपीएस सेवाओं की प्रभावी दर 13.8 फीसदी से घटकर लगभग 8.9 फीसदी हो जाएगी। इससे रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाओं की बिजली दरों में 4-5 फीसदी की कमी आएगी, जो प्रति यूनिट लगभग 0.11-0.14 रूपये की बचत के बराबर है। वहीं ताप बिजली संयत्रों में बनी बिजली की दरों में देश में 10 पैसे प्रति यूनिट तक कमी आने की बात कहि गई है।
नई परियोजनाओं की लागत में आएगी कमी
बता दें, इस कदम से नई परियोजनाओं की लागत में भी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। क्रिसिल रेटिंग के निदेशक अंकित हाखु के आंकलन के मुताबिक जीएसटी दर में कमी से परियोजनाओं की कुल लागत में 4-7 फीसदी की कमी आएगी जबकी डेवेलपर्स के लिए इक्विटी पर 100-200 आधार अंक तक सुधरेगा। उन्होंने आगे यह भी कहा की कोयले पर जीएसटी दर को 5 से बढ़ाकर 18 फीसदी किया गया है, हालांकि इसपर 400 रूपये प्रति टन का उपकर हटाया गया है।
इससे कोयला आधारित बिजली की लागत में प्रति यूनिट 0.10 रूपये से अधिक की कमी आने की उम्मीद है, इस कटौती का स्तर घरेलू कोयले की गुणवत्ता पर आधारित होगा। इससे इनपुट लागत में वृद्धि का खतरा तो रहेगा लेकिन देश की बिजली वितरण कंपनियों पर कम होगा।