
यह खबर दिल्ली और देशभर के राशन कार्ड धारकों के लिए बेहद अहम है। सरकार अब उन लोगों पर सख्ती बरत रही है जिन्होंने सालों से राशन का फायदा तो लिया, लेकिन असल में वे इसके हकदार ही नहीं थे। फर्जी राशन कार्ड की पहचान कर उन्हें रद्द करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है और दिल्ली इसमें सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है।
दिल्ली में 40 हजार राशन कार्ड कैंसिल
राजधानी दिल्ली में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने शनिवार को बड़ा कदम उठाते हुए करीब 40 हजार फर्जी राशन कार्ड कैंसिल (Cancel) कर दिए। इसका सीधा मतलब है कि अब इन परिवारों को सरकारी राशन का लाभ नहीं मिलेगा। दिलचस्प बात यह है कि इनमें से ज्यादातर कार्ड ऐसे लोगों के थे जिन्होंने पिछले 3 साल से एक दाना राशन तक नहीं उठाया था।
क्यों की जा रही है यह कार्रवाई?
केंद्र सरकार ने पहले ही राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि फर्जी और अपात्र राशन कार्ड धारकों पर नकेल कसी जाए। असल में, राशन कार्ड का फायदा लेने वालों में
- मृत व्यक्तियों के नाम से बने कार्ड,
- डुप्लिकेट राशन कार्ड,
- या ऐसे लोग भी शामिल पाए गए जो सरकार की गरीब और जरूरतमंद की परिभाषा में ही नहीं आते।
2019 से लेकर 2021 के बीच सरकार कई बार सर्च अभियान चलाने के निर्देश दे चुकी थी। अब राज्यों में इस पर एक्शन शुरू हो चुका है।
ई-पास सिस्टम से पकड़ में आया फर्जीवाड़ा
दिल्ली में जुलाई 2021 से राशन की दुकानों पर ई-पास सिस्टम लागू किया गया। इस व्यवस्था ने पारदर्शिता बढ़ाई, क्योंकि हर बार राशन लेते वक्त पहचान दर्ज होती है। जिन लोगों ने तीन साल में कभी भी राशन नहीं लिया, वे सीधे-सीधे फर्जी कार्ड की श्रेणी में आ गए और अब उनके कार्ड कैंसिल कर दिए गए।
आगे क्या होगा?
दिल्ली में करीब 20 लाख राशन कार्ड सक्रिय हैं, जिन पर लगभग 75 लाख लोग लाभ उठा रहे हैं। इन 40 हजार कार्डों के निरस्त होने के बाद विभाग ने संकेत दिया है कि अब इनकी जगह नए पात्र आवेदकों को मौका दिया जाएगा। यानी असल जरूरतमंद लोग राशन योजना का हिस्सा बन पाएंगे।
दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन का कहना है कि जिनके पास वैध राशन कार्ड हैं, वे अपना राशन समय पर लेते रहें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह जल्द ही केंद्र सरकार से कोटा बढ़ाने की मांग करेंगे ताकि और अधिक गरीब परिवार योजना का लाभ उठा सकें।
दिवाली से पहले बड़ा झटका
दिल्ली समेत कई राज्यों में यह कार्रवाई दिवाली से पहले तेज की जा रही है। यानी त्योहारों से पहले जो लोग फर्जी कार्ड के जरिए सरकारी राशन ले रहे थे, उन्हें बड़ा झटका लगने वाला है। वहीं असली गरीबों और भूख से जूझ रहे परिवारों के लिए यह राहत की अच्छी खबर होगी।
सरकार का एक ही मकसद है—पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम (PDS) को पूरी तरह पारदर्शी बनाना और यह सुनिश्चित करना कि मुफ्त या सस्ते दाम पर मिलने वाला राशन सिर्फ जरुरतमंदों तक पहुंचे, न कि अपात्र लोगों तक।