
भारत में भूमि (Land) की लेनदेन एक महत्त्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है, किसी भी भूमि के स्वामित्व के लिए सही दस्तावेज होने आवश्यक है। क्योंकि आज के समय संपत्ति से जुड़े धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, जिसे देखते हुए सरकार द्वारा भूमि विवादों से बचने के लिए कई प्रकार के नए नियमों को लागू किए जा रहे हैं। जमीन की सही तरीके से खरीद और बिक्री न केवल आपको कानूनी विवादों से बचाती है बल्कि आपकी सम्पत्ति को भी पूरी तरह सुरक्षित करती है। ऐसे में यदि आप भी जमीन की रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपके पास कौन-कौन से वैध दस्तावेज होने आवश्यक है चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
भूमि रजिस्ट्री क्यों है जरुरी?
भूमि रजिस्ट्री (Land Registry) एक ऐसा सरकारी रिकॉर्ड है, जिससे पता चलता है की कौन एक सम्पत्ति का असली मालिक है। यानी भूमि रजिस्ट्री एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें भूमि या सम्पत्ति के स्वामित्व को कानूनी तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज करया जाता है। यह प्रक्रिया खरीदारों और विक्रेताओं को धोखाधड़ी से बचाने के साथ वाद-विवाद को रोकने में मदद करती है और सम्पत्ति के स्वामित्व के कानूनी प्रमाण के रूप में भी कार्य करती है।
भूमि रजिस्ट्री के लिए 5 जरूरी डॉक्यूमेंट
भारत में भूमि पंजीकरण राज्य सरकार का विषय है, इसलिए पंजीकरण शुल्क, स्टांप ड्यूटी और जरुरी दस्तावेजों की सूची राज्यवार अलग-अलग हो सकती है। हालाँकि भूमि रजिस्ट्री के लिए खरीदार और विक्रेता दोनों के पास ही निम्नलिखित 5 जरूरी डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है।
- खरीदार और विक्रेता दोनों के पास वैध पैनकार्ड होना आवश्यक है।
- जमीन रजिस्ट्री के दौरान दोनों के पास पहचान प्रमाण के लिए आधार कार्ड होना जरुरी है।
- खरीदार और विक्रेता दोनों के हाल ही की पासपोर्ट साइज फोटो।
- सेल एग्रीमेंट होना भी अनिवार्य है।
- मसलन खसरा नंबर, खतौनी जमीन का नक्शा आदि होना चाहिए।
- अगर आयकर दाता हैं तो टैक्स की रसीद भी अपने पास रखें।
धोखाधड़ी पर लगेगी रोक
रजिस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई राज्यों में भूमि रजिस्ट्री की पक्रिया को डिजिटल किया जा रहा है, जिससे धोखाधड़ी और रजिस्ट्री में होने वाली गड़बड़ी को रोकने में मदद मिल सकेगी। इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से दस्तावेजों की जाँच, फीस भुगतान और अपॉइंटमेंट बुकिंग संभव है। इसके साथ ही जिन राज्यों में अभी भी पारंपरिक तरीके से संपत्ति की खरीद और बिक्री की जाती है वहां भूमि खरीदते समय धोखाधड़ी से बचने के लिए फिजिकल सर्वे, दस्तावेजों की कनूनी जाँच और वकील की सलाह लेना जरूरी है। इसके साथ ही डिजिटल माध्यम से भुगतान करना ज्यादा बेहतर विकल्प है।