UP के लड़के ने बनाई अनोखी बाइक, न बिजली चाहिए, न पेट्रोल | खुद ही चार्ज होकर चलेगी

उत्तर प्रदेश के एक लड़के ने ऐसी अनोखी बाइक बना दी है, जिसे चलाने के लिए न बिजली चाहिए और न ही पेट्रोल। यह बाइक खुद ही चार्ज होकर लंबे सफर तक चल सकती है। जानें कैसे काम करती है ये तकनीक, कितनी होगी इसकी लागत और क्यों इसे भविष्य का वाहन कहा जा रहा है।

Published On:
engineering students develop self charging electric bike using solar and wind energy

सूरज की रोशनी से चार्ज होने वाले सोलर पैनल और लाइट के बारे में तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या अपने कभी सुना है की हवा और धूप से बाइक भी चार्ज हो सकती है। सुनने में थोड़ा अटपटा लगता है लेकिन यह सच है, जहाँ एक तरफ दुनिया भर में पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों का असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है, वहीं इस समस्या का हल ढूंढ़ते हुए यूपी के सुल्तानपुर के कुछ छात्रों ने एक बड़ा कारनामा करके दिखाया है।

बता दें कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (KNIT) के बीटेक छात्रों ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक बनाई है, जिससे आने वाले समय में पेट्रोल और तेल की बढ़ती कीमतों से लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। यह इलेक्ट्रिक बाइक पेट्रोल या डीजल से नहीं बल्कि सूरज की रोशनी से चार्ज हो जाती है।

सूरज की रोशनी से खुद होगी चार्ज

KNIT के छात्रों द्वारा बनाई गई इस इलेक्ट्रिक बाइक के प्रोजेक्ट को लीड कर रही छात्रा मीनाक्षी और उनकी टीम ने बताया की उन्होंने इस बाइक में ऐसा सिस्टम इंस्टॉल किया है। जो चलते समय हवा से टरबाइन घुमाता है साथ ही बाइक के ऊपर लगे सोलर पैनल की मदद से सूरज की किरणों से ऊर्जा पैदा होता है। इस तकनीक से बाइक खुद ब खुद चार्ज हो जाएगी और इसे बिजली से बार-बार चार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगा।

इलेक्ट्रिक बाइक की खासियत

बता दें, इस इलेक्ट्रिक बाइक की एक खासियत यह भी है की यह सामान्य टू-व्हीलर बाइक की तुलना में 30% अधिक एफिशियंट है। यानी इसकी बैटरी अधिक समय तक चलेगी और जल्द ही चार्ज हो जाएगी। अगर यह टेक्नोलॉजी भारतीय मार्केट में आती है तो इससे सबसे बड़ी राहत आम आदमी को मिलेगी और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर होने वाले खर्चे से भी छुटकारा मिल सकेगा।

कमला नेहरू इंस्टीट्यूट के होनहार छात्रों की यह अनोखी प्रतिभा पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ यह भी दर्शाती है की यदि तकनीकी में देश के युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिले तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है।

Author
Rohit

Leave a Comment