
देश में सड़क परिवहन क्षेत्र में बुनियादी ढाँचे के विकास के साथ यातायात की सुविधा के लिए सरकार राज्य और शहरों की कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने का काम कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्गों का निरंतर विस्तार भी किया जा रहा है। हाल ही में सरकार ने अहम फैसला लेते हुए हाईवे के आसपास की जमीन खरीद और बिक्री पर रोक लगा दी है। यानी अब ऐसे लोग जिनकी जमीने हाईवे किनारे पर हैं वह अब अपनी जमीन नहीं बेच सकेंगे, यह कदम भविष्य में सड़क विकास कार्यों और फोरलेन बनाने की योजना को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
हाईवे किनारे ज़मीन बिक्री पर रोक
हाईवे किनारे वाली जमीनों को लेकर सरकार के जारी निर्देश में स्थानीय प्रशासन ने साफ कर दिया है की हाइवे किनारे की जमीन की अब ना तो खरीदी जा सकती है और ना ही इसे बेचा जा सकता है। हाईवे के आस-पास की जमीन पर रोक लगाने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में चार लें यानी फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू कर आस-पास की भूमि अधिग्रहण करना है। इसके लिए सरकार भूमि मालिकों को उचित मुआवाजा भी प्रदान करेगी, ऐसे में फोरलेन सड़क निर्माण के लिए जगह की जरूरत को देखते हुए जमीन बिक्री पर रोक लगाई गई है।
भूमि मालिकों को मिलेगा मुआवजा
सरकार के इस नए नियम से हाईवे के आस-पास की जमीनों को अधिग्रहण केवल सरकार द्वारा किया जाएगा। इसके लिए भूमि मालिकों को बाजार मूल्य से अधिक धनराशि प्रदान की जाएगी, जिससे उन्हें किसी तरह का आर्थिक नुक्सान नहीं उठाना पडेगा। हाईवे के फोरलेन सड़क बनने से यात्रियों को आने-जाने में ट्रैफिक की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी और आवाजाही में समय भी कम लगेगा।
सरकारी मंजूरी और परियोजना का अनुमानि खर्च
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी ने बड़े हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिसके लिए सरकार ने कुल 1494 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया है। इसमें बलौदा और उसके आसपास के इलाके औधोगिक दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ मौजूद फैक्ट्री और कारखानों के चलते रोजाना बड़े-बड़े वाहनों की आवाजाही से सड़क पद दबाव और ट्रैफिक की समस्या बनी रहती है। ऐसे में फोरलेन का निर्माण जरुरी है, इस निर्माण योजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
इसमें पहले चरण में रायपुर विधानसभा क्षेत्र से बलौदा मार्किट तक 53.1 किलोमीटर तक लंबी सड़क बनाई जाएगी, जिसपर लगभग 840 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। जबकि दूसरे चरण में इसी लंबाई की सड़क निर्माण किया जाएगा, जिसमें लगभग 650 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।