
Aadhaar Card Update: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने बिहार में बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है, इसलिए जो बिहार के निवासी अपने बच्चे का आधार कार्ड बनवाने जा रहें हैं उन्हें पहले यह जानकारी मालूम होनी जरुरी है। UIDAI का नया नियम लागू हो चुका है अब सिर्फ जन्म प्रमाण पत्र की सहायता से बच्चे का आधार कार्ड नहीं बनाया जाएगा। इसके लिए अन्य दस्तावेजों की जरुरत भी होगी।
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सरकार ने क्यों बदला नियम?
बिहार में बच्चों के आधार कार्ड बनवाने के नियमों में बदलाव इसलिए किया गया है जिससे गलतियों को रोका जा सके और फर्जी तरीके का इस्तेमाल न हो। जी हाँ बिहार के कई इलाकों में बच्चों का आधार कार्ड केवल उनके जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर ही बनाया जाता था लेकिन कई बार पते की जानकारी सही दर्ज नहीं रहती थी जिससे भविष्य में सरकारी योजनाओं और शिक्षा सुविधाओं का लाभ लेने में दिक्क्त हो सकती थी। यह नया नियम इन गलतियों को नहीं होने देगा और बच्चे के आधार में सही जानकारी दर्ज होगी और उसे सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
ये सभी दस्तावेज होंगे मान्य
बच्चे का आधार कार्ड बनाने के लिए आपके पास नीचे दिए दस्तावेज होने जरुरी है। यह दस्तावेज माता और पिता के ही लगेंगे जो पहचान और पते का सबूत हैं।
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी
- पैन कार्ड
- पासपोर्ट
- बिजली बिल
- राशन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- जन्म प्रमाण पत्र (बच्चे का)
ब्लू आधार कार्ड क्या है?
ब्लू आधार कार्ड 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दिया जाता है इसे भी UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) द्वारा जारी किया जाता है। इस आधार कार्ड को बनाने के लिए बच्चे की फोटो और माता-पिता के दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है। जब बच्चा 5 साल का हो जाता तो इसके बाद आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डिटेल्स अपडेट करनी होती है। बायोमेट्रिक डिटेल्स में फिंगप्रिंट और आइरिस स्कैन किया जाता है। इसके बाद आधार कार्ड को 15 साल की उम्र में अपडेट करना अनिवार्य होता है।
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UIDAI द्वारा जारी किया गया यह नया नियम बिहार के परिवार और उनके बच्चों के लिए लाभकारी है। इससे बच्चों का आधार कार्ड और भी सुरक्षित हो जाएगा, इसमें छपी डिटेल्स उसकी पहचान होगी। बच्चा भविष्य में आधार से कई सरकारी लाभ और शिक्षा की सुविधाओं का लाभ आसान से उठा सकता है।