
Cheque Bounce Case: अक्सर चेक बाउंस होने पर क़ानूनी कार्यवाई की जाती है जिससे बैंक खाताधारकों को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब अगर आपका चेक बाउंस होता है तो आप पर क़ानूनी कार्यवाई नहीं होगी बल्कि बैंक द्वारा आपको इस गलती को सुधारने का मौका दिया जाएगा। बता दें इस प्रक्रिया में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा बदलाव कर दिया है जिससे लाखों लोगों को इस समस्या से छुटकारा मिलने वाला है।
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पहले ये था नियम!
RBI के नए नियम जारी करने से पहले यदि किसी व्यक्ति का चेक बाउंस होता था तो उस पर धारा 138 के तहत क़ानूनी कार्यवाई की जाती थी। यह गैरकानूनी माना जाता था और अदालत में चेक जारी करने वाले व्यक्ति को बुलाया जाता था। यह एक अपराध है लेकिन कई लोगों को इस नियम के कारण परेशानी होती थी जिनका भुगतान किसी तकनीकी अथवा असावधानी से रिजेक्ट हो जाता था। इससे कोर्ट में भी काम का भार अधिक बढ़ा रहता था।
नए नियम से हुए ये बदलाव
RBI द्वारा शुरू किए गए नए नियमों के अनुसार, चेक बाउंस होने से पहले ग्राहकों को नोटिस अथवा अलर्ट भेजा जाएगा। इसके लिए सभी बैंकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। ग्राहक को नोटिस भेजने के बाद भुगतान में हुई गलती को सुधारने के लिए टाइम दिया जाएगा। इस अगर इस समय पर ग्राहक भुगतान नहीं करता है अथवा फिर से गलती करता है तब जाकर उस पर केस दर्ज होगा और क़ानूनी कार्यवाई चलेगी। इस नए बदलाव से ग्राहक अपनी गलती को सही करेंगे और केस भी कम दर्ज होंगे।
इन लोगों को मिलेगा लाभ
नए नियम में के तहत उन सभी लोगों को राहत मिलने वाली है जिनका भुगतान तकनीकी समस्या अथवा अन्य कारणों से रुक जाता था। अब उन्हें बैंक इस समस्या को सही करने के लिए एक मौका देगा और उन्हें कोर्ट नहीं जाना पड़ेगा। नए नियमों से छोटे व्यापारियों, नौकरीपेशा और रिटायर्ड कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
इन लोगों के लिए नियम है सख्त
यह नियम अभी भी उन लोगों के लिए सख्त ही है जो जानबूझकर गलती करते हैं। अगर कोई खाताधारक बैंक द्वारा दिए गए समय पर भुगतान प्रक्रिया को पूरा नहीं करता है तो धारा 138 के तहत उसके खिलाफ तुरंत ही कार्यवाई की जाएगी। इससे उस व्यक्ति को काफी परेशानी हो सकती है बैंकिंग रिकॉर्ड तो ख़राब होगा ही साथ में उसे भविष्य में लोन मिलना कठिन होगा और क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं मिलना बंद हो सकती है।
ग्राहकों को रखना है ध्यान
नए बदलाव से ग्राहकों को काफी राहत मिलने वाली है लेकिन अब उनकी जिम्मेदारी पहले से अधिक बढ़ जाती है। आपको समय समय पर अपने बैंक अकाउंट के बैलेंस को चेक करते रहना है और भुगतान से पहले खाते में पैसा बनाए रखना है। यदि चेक बाउंस हो जाता है और बैंक अलर्ट करता है तो तुरंत ही उसका उत्तर भी दें। नए फैसले से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलने की अधिक सम्भावना है।