
बिहार सरकार ने 1 जुलाई 2025 से जमीन की खरीदी और बिक्री को आसान बनाने के लिए कुछ खास नियम लागू किए है. इन नियमों के मुताबिक, अब जमीन के रजिस्ट्री के लिए आधार बायोमेट्रिक सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है. साथ ही सभी डॉक्यूमेंट्स के ऑनलाइन अपलोड करना होगा और शुल्क भी ऑनलाइन ही जमा करना होगा. आपको रजिस्ट्री की डिजिटल कॉपी भी दी जाएगी. इन नियमों को लागू करना का उद्देश्य जमीन धोखाधड़ी और फ़र्ज़ीवाड़े को रोकना, ताकि जमीन मालिक को उसका हक मिल सकें.
सरकार ने लागू किए नए नियम
10 सितंबर 2025 से बिहार सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए चार नए और सख़्त नियम लागू किए हैं. सरकार चाहती है कि जमीन की खरीद और बिक्री प्रक्रिया को डिजिटल बनाया जाएं, ताकि जमीन धोखाधड़ी और हड़पने जैसी घटना न हो. इन नियमों से जमीन के खरीदारों और विक्रेताओं दोनों के बीच भरोसा बने रहे.
जमीन रजिस्ट्री के लिए बायोमेट्रिक अनिवार्य
नए नियमों के अनुसार, अब ज़मीन की रजिस्ट्री करते समय खरीदार -बेचने वाले और गवाहों को अपना आधार कार्ड दिखाकर फिंगरप्रिंट और आँखों को स्कैन कराना होगा. इस जांच से पता चल जाएगा कि जमीन का सौदा करने वाले सभी लोग असली हैं. इससे कोई भी व्यक्ति किसी और के नाम से या झूठी पहचान से ज़मीन की रजिस्ट्री नहीं कर सकता है.
डिजिटल अपलोड होंगे डॉक्यूमेंट्स
जमीन से संबंधी सभी डॉक्यूमेंट्स जैसे – बिक्री पत्र, खाता-खेसरा और पहचान पत्र को बिहार भूमि पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड करना होगा. ऐसा करने से सभी दस्तावेजों का डिजिटल रिकॉर्ड सरकार के पास सुरक्षित रहेगा, जिससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी नही होगी.
ऑनलाइन जमा होंगे शुल्क और स्टांप ड्यूटी
जमीन की खरीद और बिक्री की रजिस्ट्री के लिए ऑनलाइन शुल्क और स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना होगा. इससे हर ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड सरकार के पास सुरक्षित रहेगा और जिसके बाद आपको तुरंत रसीद मिल जायेगी. रजिस्ट्री होते ही आपको अपने दस्तावेज़ की डिजिटल कॉपी मिल जाएगी, जिसे आप बिहार भूमि पोर्टल से कभी भी डाउनलोड कर सकते हैं. अब आपको अपने डॉक्यूमेंट्स खोने का डर भी नही रहेगा.